पंचायत सरकार भवन के पास कुत्तों का आतंक, 5 वर्षीय विराज पर हमला कर किया जख्मी।

विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत भरपुरा पटपरा पंचायत के वार्ड संख्या 13 में सोमवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई जब एक 5 वर्षीय मासूम बच्चा, विराज, कुत्तों के झुंड का शिकार बन गया। संजीत यादव एवं सोनी देवी का पुत्र विराज अपने घर के समीप खेल रहा था, तभी अचानक 4 से 5 कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में मासूम गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना दोपहर करीब 12 बजे की है।

विराज अकेले खेलते हुए पंचायत सरकार भवन के पास पहुँच गया था, जहां भवन निर्माण कार्य चल रहा है। तभी पहले एक कुत्ते ने उस पर झपट्टा मारा और देखते ही देखते पूरे झुंड ने उसे घेर लिया। कुत्ते उसके शरीर को नोचने लगे और वह लहूलुहान हो गया। गनीमत रही कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने तत्परता दिखाते हुए कुत्तों को भगाया। अन्यथा हादसा और भी भयावह हो सकता था।

घटना के बाद परिजनों को सूचना दी गई, जिन्होंने तत्काल विराज को विभूतिपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया। वहां डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को गंभीर बताया और उसका प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया। डॉक्टरों के मुताबिक, विराज के शरीर पर कई जगह गहरे जख्म हैं, विशेषकर चेहरे, हाथ और पीठ पर।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों में भय का माहौल है। बच्चों और बुजुर्गों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी क्षेत्र में कुत्तों द्वारा हमला करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

स्थानीय निवासी नरेश यादव ने बताया, “हमने कई बार पंचायत और प्रशासन को आवारा कुत्तों के आतंक से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान दिया होता, तो आज एक मासूम इस तरह घायल नहीं होता।”
पंचायत प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस बार कोई ठोस कदम उठाता है या फिर यह घटना भी अन्य घटनाओं की तरह फाइलों में दबी रह जाएगी।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा जानवरों की समस्या को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है। क्या एक और मासूम की जान जाने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी?

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